ये सभी अभिलक्षण सर्वभाषा व्याकरण के अंतर्गत आते हैं.
2.
चॉम्स्की (1965) के इसी प्रजनक रूपांतरण व्याकरण के (TG Grammar) आधार पर सर्वभाषा व्याकरण की परिकल्पना की गई.
3.
परंपरागत हिंदी व्याकरण में और सर्वभाषा व्याकरण में भी अपादान के रूप में निम्नलिखित वाक्यों में ‘ से / from ' के प्रयोग की सार्वभौमिक प्रवृत्ति है.
4.
इसप्रकार जहां सर्वभाषा व्याकरण में भाषाविशिष्ट अभिलक्षणों की उपेक्षा हुई, वहीं हिंदी के परंपरागत व्याकरणों में भी हिंदी भाषा की बहुत कम भाषाविशिष्ट संरचनाओं की विवेचना की गई है.
5.
सर्वभाषा व्याकरण के अनुसार कुछ अकर्मक क्रियाएँ ऐसी हैं जो अपने सहज अर्थों में कर्ता के साथ-साथ सहपात्र की आकांक्षा भी करती हैं, जैसे मिलना, लड़ना, झगड़ना, चिपटना, टकराना, डरना, कतराना, चिढ़ना आदि.
6.
दासगुप्ता (1991), गीता (1985) और जैन (1960) ने यह दावा किया है कि सर्वभाषा व्याकरण का यह प्रयास विश्व की अनेक भाषाओं के संदर्भ में, विशेषकर भारतीय भाषाओं के संदर्भ में सफल नहीं हो पाया है.